*एसडीएम ने अल्पसंख्यक को तो अल्पसंख्यक ने एसडीएम को रिपोर्ट में बताया गलत*
_मदसरे की जुदा-जुदा जांच रिपोर्ट पर आयुक्त ने जतायी नाराजगी_
कुशीनगर। सीएम योगी आदित्यनाथ प्रदेश में भ्रष्टाचार पर रोकथाम लगाने के लिए जहा कड़े रुख अपना रहे हैं वही उनके गृह जनपद के सटे कुशीनगर में मदसरे की फर्जीवाड़ा में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी भ्रष्टाचार की सारी सीमाएं लाग आयुक्त को भी जमीनी रिपोर्ट से दूर रख दिया । एक ही मदरसे की जांच रिपोर्ट में एसडीएम सरकारी धन मिलने की पुष्टि कर रहे तो जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कुशीनगर के साथ जांच में सम्लित अधिकारी अपनी रिपोर्ट में सरकारी धन न मिलने की बात लिख रहे हैं।
उल्लेखनीय हैं कि मदरसा वकील वारसी पब्लिक स्कूल शिवपुर बुजुर्ग तहसील कसया की जांच के लिए आयुक्त गोरखपुर के निर्देश पर तत्कलीन डीएम डाँ अनिल कुमार सिंह ने तीन सदस्यीय टीम बना कर जांच करने का आदेश दिया था। तीन सदस्यीय टीम में जिला विद्यालय निरीक्षक उदय प्रकाश मिश्र, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी देवेंद्र राम , तथा तत्कालीन निलबिंत बेसिक शिक्षा अधिकारी सम्लित थे। उक्त मदसरे की स्थलीय जांच रिपोर्ट में उक्त तीन सदस्यीय अधिकारियों ने डीएम कुशीनगर के माध्यम से मदसरे के प्रभाव में आयुक्त गोरखपुर को रिपोर्ट प्रेषित कर मदसरे में मानक में त्रुटिया पाये जाने का जिक्र किया हैं। साथ ही मदसरे में सरकार से किसी प्रकार की सरकारी धन न मिलने का भी जिक्र किया हैं। मजे की बात तो यह है कि इसी मदसरे की जांच तत्कालीन डीएम डाँ अनिल कुमार सिंह के निर्देश पर तत्कलीन एसडीएम अजय नारायन सिंह ने किया था और अपनी जांच रिपोर्ट में इसी मदसरे में सरकार से सरकारी धन मिलने का साफ तौर पर जिक्र किया हैं। जबकी मदसरे के शिकायतकर्ता को जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने मदरसा प्रबंधन से जानकारी लेते हुए जनसूचना अधिकार अधिनियम के तहत शिकायतकर्ता को सूचना भेज बताया हैं कि मदसरे में राज्य और केंद्र सरकार से समय समय पर नियुक्त अध्यापकों को मानदेय मिलता हैं। बात मानदेय तक ही नहीं खत्म होता बल्कि तत्कालीन एसडीएम की रिपोर्ट और प्राप्त सूचना को देखा जाए तो मानदेय प्राप्त करने वाले एक पिता के दो पुत्र और पुत्र की पत्नी ही हैं यानी शिक्षा के नाम पर घर भर सरकार के धन को बटोरने में लगा हैं। जिले में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी द्वारा सरकार के धन को बंदरबांट कर डकराने का काम किया जा रहा है और यही वजह है कि आयुक्त गोरखपुर को मदसरे की जमीनी रिपोर्ट से दूर रखा गया है। इसको लेकर चर्चा हैं कि कुशीनगर में यह अधिकारी सैकड़ो मदरसे आज भी कागज में संचालित करा कर सरकारी धन का चुना लगा रहे है ।
सूत्रों की माना जाए तो मदसरे की जांच में गड़बड़ी सामने आने पर कई अधिकारियों पर गांज गिर सकती हैं। मदरसे की जमीनी रिपोर्ट के लिए आयुक्त से शिकायतकर्ता ने उच्च स्तरीय समिति की मांग करते हुए फर्जी रिपोर्ट देने वाले अधिकारियों पर कार्यवाई की मांग किया है।